करीब दस साल पहले मैं नोएडा के लक्ष्मी स्टूडियों अपने एक गांव के भईया के माध्यम से गया था। भईया उस स्टूडियों में इलैक्टीशन थे, जब भी कोई नई सूटिंग स्टूडियों में होती थी तो वो बारी-बारी से हमारे रिश्तोंदारों के हर बच्चें को लेकर जाते थे। एक बार ड्रीम गर्ल हेमा मालिनी एक कार्यक्रम की शूटिंग के लिए आने वाली थी। उस दिन मेरा नंबर था तो भईया स्टूडियों ले गए। किसी कारण से हेमा मालिनी के कार्यक्रम को देर हो गई तो भईया ने शेखर सुमन के एक बाल शो की शूटिंग मैं मुझे बैठा दिया। बड़ा दिलचस्प अनुभव था। शूटिंग खत्म होने से पहले ही भईया ने मुझे स्टूडियों के दरवाजे के बाहर खड़ा कर दिया क्योंकि जैसे ही शूटिंग खत्म हुई भीड़ से बचने के लिए शेखर सुमन दरवाजे से बाहर निकले और फिर भईया के ईशारे पर मैंने उन्हें पकड़ लिया और हाथ मिलाया। हाथ मिलाकर खुशी हुई पर अब मैने सोचा कि घर पर सबकों कैसे बताऊंगा कि मैं किससे मिला तो भईया ने बताया कि अब एक घंटे बाद फिर से दूसरी शूटिंग हैं उसमें शेखर सुमन आए तो ओटोग्राफ ले लेना। उन्होंने तीन रूपए वाली एक साधारण सी डायरी अपनी जेब से निकाली और ओटोग्राफ लेने के लिए फिर से स्ट
Blog of Journalist Nihal Singh